दोस्तों आज किस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि जेआरएफ (JRF) क्या होता है तथा JRF Full Form In Hindi क्या होती है | जेआरएफ (JRF) क्वालीफाई करने पर आप कौन-कौन सी जॉब कर सकते है तथा आपको क्या सैलरी मिल सकती है यह सब हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे | जेआरएफ (JRF) को अच्छे से समझने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा |
JRF Full Form In Hindi
जेआरएफ (JRF) का फुल फॉर्म जूनियर रिसर्च फैलोशिप (Junior Research Fellowship) होता है। इसे हिंदी में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भी कहते हैं | जेआरएफ (JRF) या असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एक परीक्षा होती है जिसे हम नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) कहते हैं | जूनियर रिसर्च फैलोशिप एक प्रोग्राम है जिसमें पीएचडी या एम फील करने वाले व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है |
जो व्यक्ति नेट की परीक्षा पास करता है वह असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य होता है तथा उसे जूनियर रिसर्च फैलोशिप का अवार्ड लेटर भी मिलता है। यूजीसी ने नेट जेआरएफ (JRF) परीक्षा की शुरुआत की थी | पहले नेट जेआरएफ (JRF) की परीक्षा सीबीएसई के द्वारा करवाई जाती थी। अब यह परीक्षा यूजीसी के द्वारा आयोजित की जाती है।
नेट जेआरएफ (JRF) फुल फॉर्म
नेट जेआरएफ (JRF) का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट फॉर जूनियर रिसर्च फैलोशिप (National Eligibility Test For Junior Research Fellowship) होता है | हिंदी में इसे जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा कहते हैं |
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया फॉर नेट जेआरएफ (JRF)
हमें यह तो पता लग गया है कि नेट जेआरएफ (JRF) क्या होता है तथा इसकी फुल फॉर्म क्या होती है | अब हम नेट जेआरएफ के लिए योग्यता देखेंगे :
- व्यक्ति के पास पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए |
- जनरल कैटेगरी के व्यक्तियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% मार्क्स लाना अनिवार्य है तथा अन्य कैटेगरी के व्यक्तियों के लिए 50% मार्क्स लाना अनिवार्य होता है |
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए कटऑफ काफी कम रखी जाती है |
- जो व्यक्ति पोस्ट ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में है वह भी इन परीक्षाओं को दे सकते हैं | जिन व्यक्तियों के पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% से अधिक मार्क्स आते हैं उन्हींका नेट जेआरएफ (JRF) का रिजल्ट मान्य होता है |
- अगर व्यक्ति नेट जेआरएफ (JRF) क्वालीफाई कर लेता है पर उसके पोस्ट ग्रेजुएशन में 55 % से कम अंक आते हैं तो उसका रिजल्ट मान्य नहीं होगा |
- व्यक्ति उसी विषय से यूजीसी नेट की परीक्षा दे सकता है जो उसने पोस्ट ग्रेजुएशन में किए हुए हैं | अगर व्यक्ति के पोस्ट ग्रेजुएशन में दिए हुए सब्जेक्ट नेट के 81 सब्जेक्ट से नहीं मिलते हैं तो वह उससे मिलते-जुलते सब्जेक्ट से एग्जाम दे सकता है |
यूजीसी नेट का एप्लीकेशन फॉर्म भरते वक्त उम्मीदवार को यह बताना होता है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भर रहा है या जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए अगर वह चाहे तो दोनों के लिए इस फॉर्म को भर सकता है।
नेट जेआरएफ (JRF) एग्जाम के लिए आवश्यक योग्यताएं |
अगर व्यक्ति जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए नेट परीक्षा देना चाहता है तो उसकी age लिमिट इस प्रकार होती है :
- जेआरएफ की परीक्षा देने के लिए व्यक्ति 31 साल से अधिक उम्र का नहीं होना चाहिए |
- एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी, ओबीसी तथा ट्रांसजेंडर व्यक्तियो को 5 साल तक की छूट प्रदान की जाती है |
- वह व्यक्ति जिन्हें रिसर्च का अनुभव होता है उन्हें उनके अनुभव के अनुसार छूट दी जाती है | परंतु उन्हें रिसर्च सर्टिफिकेट जमा करवाना पड़ता है।
- वह व्यक्ति जिनके पास एलएलएम डिग्री होती है उन्हें 3 साल की अधिक छूट मिलती है।
- वह व्यक्ति जो ससस्त्र बलों में कार्य कर चुका है उन्हें 5 वर्ष तक की छूट मिलती है।
किसी भी उम्मीदवार को किसी भी परिस्थिति में 5 साल से अधिक की छूट नहीं मिलती है।
नेट जेआरएफ (JRF) एग्जाम का पैटर्न
नेट जेआरएफ की परीक्षा में 2 पेपर होते हैं जो 300 अंकों के होते हैं |
नेट जेआरएफ (JRF) की पहली परीक्षा का पैटर्न
नेट जेआरएफ की पहली परीक्षा में 50 प्रश्न पूछे जाते हैं हर एक प्रश्न दो अंक का होता है यह परीक्षा 100 अंकों की होती है। इस परीक्षा में 10 यूनिट होते हैं प्रत्येक यूनिट मैं 5 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पेपर MCQ टाइप का होता है। इस पेपर को क्वालीफाई करने के लिए व्यक्ति को 40% से अधिक मार्क्स लाने होते हैं। रिजर्व्ड कैटेगरी जैसे कि पीडब्ल्यूडी, sc,st,obc तथा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सिर्फ 35 परसेंट मार्क्स लाने होते हैं।
नेट जेआरएफ (JRF) की दूसरी परीक्षा का पैटर्न
नेट जेआरएफ का सेकंड पेपर व्यक्ति द्वारा चुने गए सब्जेक्ट के अनुसार ही होता है जिसमें कुल 100 प्रश्न होते हैं तथा हर एक प्रश्न दो अंको का होता है जिससे यहां पेपर 200 अंकों का हो जाता है। यह पेपर भी बहुविकल्पी होता है।
नेट जेआरएफ फर्स्ट पेपर सिलेबस
नेट जेआरएफ की फर्स्ट पेपर का सिलेबस निम्नलिखित प्रकार है :
Unit | Syllabus |
Unit 1 | Teaching Aptitude |
Unit 2 | Research Aptitude |
Unit 3 | Comprehension |
Unit 4 | Communication |
Unit 5 | Mathematical Reasoning |
Unit 6 | Logical Reasoning |
Unit 7 | Data Interpretation |
Unit 8 | Information and Communication Technology |
Unit 9 | People, Development and Environment |
Unit 10 | Higher Education System |
नेट जेआरएफ (JRF) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
नेट जेआरएफ से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार है :
एग्जाम पैटर्न को समझना
ज्यादातर लोग एग्जाम पैटर्न को नहीं समझ पाते हैं इसकी वजह से वह इस एग्जाम को नहीं निकाल पाते हैं। किसी भी एग्जाम को निकालने से पहले आपको उसके पैटर्न व टाइप का पता कर लेना चाहिए। पेपर में किस तरीके के प्रश्न पूछे जाते हैं तथा मार्किंग स्कीम क्या होती है।
सिलेबस
एग्जाम पैटर्न समझने के साथ-साथ व्यक्ति को यह भी समझना चाहिए कि नेट जेआरएफ का सिलेबस क्या है तथा इसे पूरा करने में कितना समय लग सकता है। जो टॉपिक आप पहले से जानते हैं उन पर कम फोकस करना चाहिए तथा जो टॉपिक आपने कभी नहीं पढ़े हैं उन पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।
जो टॉपिक आपको कठिन लगते हैं उन्हें आपको पहले खत्म करना चाहिए इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ने में मदद मिलेगी। जिस दिन आप का जो टॉपिक खत्म हो जाता है। उस दिन उस पर चिन्ह लगा कर दिनांक भी डाल दें। इससे आपको यह ध्यान में रहेगा कि इस टॉपिक को कब रिवाइज करना है।
अच्छे से नोट्स बनाना
ज्यादातर लोगों का पेपर इसलिए नहीं निकलता क्योंकि वह अच्छे से नोट्स नहीं बना पाते हैं किसी भी पेपर में सफल होने के लिए नोट्स का अच्छे से बना होना चाहिए। नोट्स को अच्छे से बना कर उन्हें समय-समय पर रिवाइज करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जिस दिन आप जो टॉपिक रीवाइज करते हैं उस दिन की दिनांक उसमें डाल दें इससे आपको यह याद रहेगा कि अगली बार आपको इस टॉपिक को कब रिवाइज करना है।
प्रीवियस ईयर पेपर सॉल्व करना
जो टॉपिक आपने पढ़ लिया है उसी के साथ-साथ आपको पिछले साल के प्रश्न पत्र भी शामिल करने चाहिए। इससे आप यह पता लग जाएगा कि किस टॉपिक से कितने क्वेश्चन आते हैं। पिछले साल के प्रश्न पत्र सॉल्व करते वक्त अपने साथ एक घड़ी भी रखें जिससे आपको यह पता लग सके यह को सवाल करने में कितना समय लग रहा है। आज के बाद जब आप दोबारा प्रश्न पत्र हल करें तो आपके दिमाग में यह बात होनी चाहिए कि इस बार जो प्रश्न करने में पिछली बार से कम समय लगना चाहिए।
टाइम मैनेज करना
आपको किसी भी एग्जाम की तैयारी करने के लिए एक टाइम टेबल बना कर रखना चाहिए | जिससे कि आप हर विषय को बराबर समय दे सके। टाइम टेबल में आपके सोने व जागने का समय भी होना चाहिए तथा आपके सोने और जागने का समय निश्चित होना चाहिए। अगर आप पेपर की तैयारी कर रहे हैं तो आपको 6 से 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए इससे आपकी याददाश्त मजबूत रहती है और आप को पढ़ा हुआ ज्यादा समय तक याद रहता है।
अपने आप को मोटिवेट करना
ज्यादातर लोग पहली बारी में नेट जेआरएफ का एग्जाम क्वालीफाई नहीं कर पाते हैं | जिससे वह काफी डिमोटिवेट हो जाते हैं ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप अपने आपको हर दिन मोटिवेट करे। आपने अपने आप को मोटिवेट करने के लिए उन लोगों के इंटरव्यू देख सकते हैं जिन्होंने यहां एग्जाम निकाला हुआ है।
रोजाना उन व्यक्तियों का इंटरव्यू देखने से जिन्होंने यह एग्जाम निकाला है आप को मोटिवेट होने की प्रेरणा आसानी से मिल जाएगी।
नेट जेआरएफ करने के फायदे
नेट जेआरएफ के फायदे निम्नलिखित प्रकार है :
- नेट जेआरएफ करने के बाद व्यक्ति जूनियर रिसर्च फैलोशिप तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए योग्य हो जाते हैं।
- इस एग्जाम को निकालने के बाद आपको यूजीसी के स्कीम के अंतर्गत पीएचडी करने के लिए पैसे मिलते हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी करने वाले छात्रों को ₹31000 हर महीने स्कॉलरशिप मिलती है।
- अगर व्यक्ति पीएचडी के 2 साल की पढ़ाई में अच्छे से रिसर्च करता है तो उसे सीनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए योग्य माना जाता है तथा उसकी समय अवधि को 3 साल और अधिक कर दिया जाता है। जिसमें व्यक्ति के स्कॉलरशिप अमाउंट को ₹35000 प्रति महीना कर दिया जाता है।
- नेट जेआरएफ क्वालीफाई करने के बाद व्यक्ति यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी सरकारी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन कर सकता है।
- जूनियर असिस्टेंट की सैलरी 30000 से ₹40000 प्रति माह तक होती है। कुछ सालों का अनुभव होने के बाद यह वेतन बढ़ जाता है।
- अगर कोई व्यक्ति शिक्षक के क्षेत्र में नहीं जाना चाहता तो वह पीएसयू के लिए भी आवेदन कर सकता है पीएसयू कंपनी हर साल कई सारे नेट जेआरएफ क्वालीफाई लोगों को जॉब प्रदान करती है। पीएसयू कंपनी में फाइनेंस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट जैसे क्षेत्र में कई नौकरियां उपलब्ध है।
- नेट जेआरएफ क्वालीफाई करने के बाद कोई व्यक्ति रिसर्च स्कॉलर मैं भी जा सकता है तथा देश की सबसे अच्छी रिसर्च प्रयोगशालाओं में काम कर सकता है। यहां काम करके वह अपने योग्यता को और अच्छे से निखार सकता है। आजकल लैबोरेट्रीज के क्षेत्र में काफी सारी नौकरियां उपलब्ध है। इन लैबोरेट्रीज में काम करने वाले लोगों का वेतन 20 से ₹40000 महीना होता है। कुछ सालों का अनुभव मिलने पर आपकी सैलरी बढ़ जाती है
- कोई व्यक्ति अपनी खुद की रिसर्च में भी शुरू कर सकता है।
- जेआरएफ अवार्ड मिल जाने के बाद किसी भी क्षेत्र में नौकरी मिल पाना काफी आसान हो जाता है।
- आप चाहे तो अपने अनुभव से संबंधित कोई बुक भी पब्लिक्स कर सकते हैं।
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको हमारा JRF Full Form In Hindi के ऊपर आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा अगर आपका JRF Full Form In Hindi से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं अगर आप कोई आर्टिका अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों को फैमिली मेंबर्स के साथ जरूर शेयर कीजिएगा।
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